रविवार, 25 फ़रवरी 2018

अकबर बीरबल के 3 मजेदार किस्से Akbar Birbal Stories in Hindi

मुग़ल वंश के बादशाह और नसीरुद्दीन हुमायूँ के बेटे, जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर और उनके कहे जाने वाले नवरत्न में से एक रत्न बीरबल के किस्से काफी मशहूर हैं । बादशाह अकबर कई बार परेशानियों में फसने पर, या किसी गंभीर मुद्दे पर अपने सलाहकार मंत्री बीरबल की सहायता अवश्य लेते थे।
बीरबल ने सन 1528 से सन 1583 तक बादशाह अकबर के दरबार में एक विदूषक एवं सलाहकार बन कर सेवाएँ दी थी। बीरबल स्वभाव से बुद्धिशाली, और किसी भी समस्या का समाधान ढूँढने में निपुण थे। अकबर और बीरबल के अनगिनत किस्सो में से चुनिन्दा किस्से वार्ता स्वरूप दर्शाये हैं, जिसमे बीरबल के बुद्धिचातुर्य का वर्णन है।
तो आइये अकबर-बीरबल के किस्सों के रूप में प्रचलित ऐसी ही तीन चुनिंदा कहानियां देखते हैं:

Akbar Birbal Stories in Hindi With Moral

अकबर बीरबल के किस्से / Akbar Birbal Ke Kisse

  मोम का शेर

सर्दियों के दिन थे, अकबर का दरबार लगा हुआ था। तभी फारस के राजा का भेजा एक दूत दरबार में उपस्थित हुआ।
राजा को नीचा दिखाने के लिए फारस के राजा ने मोम से बना शेर का एक पुतला बनवाया था और उसे पिंजरे में बंद कर के दूत के हाथों अकबर को भिजवाया, और उन्हे चुनौती दी की इस शेर को पिंजरा खोले बिना बाहर निकाल कर दिखाएं।
बीरबल की अनुपस्थिति के कारण अकबर सोच पड़ गए की अब इस समस्या को कैसे सुलझाया जाए। अकबर ने सोचा कि अगर दी हुई चुनौती पार नहीं की गयी तो जग हसायी होगी। इतने में ही परम चतुर, ज्ञान गुणवान बीरबल आ गए। और उन्होने मामला हाथ में ले लिया।
बीरबल ने एक गरम सरिया मंगवाया और पिंजरे में कैद  मोम के शेर को पिंजरे में ही पिघला डाला। देखते-देखते मोम  पिघल कर बाहर निकल गया ।
अकबर अपने सलाहकार बीरबल की इस चतुराई से काफी प्रसन्न हुए और फारस के राजा ने फिर कभी अकबर को चुनौती नहीं दी।
Moral: बुद्धि के बल पर बड़ी से बड़ी समस्या का हल निकाला जा सकता है.

Internet

इंटरनेट क्या है ? What is internet in hindi

इंटरनेट क्या है ? इंटरनेट का उपयोग, इंटरनेट का महत्व, history of internet in hindi और internet ki khoj kisne kiya इन सब की पूरी जानकारी मैं आपको इस hindi blog में बहुत ही सरल व सहज भाषा में बताऊंगा.

इंटरनेट क्या है / What is internet in hindi 

इन्टरनेट एक दुसरे से जुड़े कई कंप्यूटरों का जाल है जो राउटर एवं सर्वर के माध्यम से दुनिया के किसी भी कंप्यूटर को आपस में जोड़ता है. दुसरे शब्दों में कहे तो सूचनाओ के आदान प्रदान  करने के लिए TCP/IP Protocol के माध्यम से दो कंप्यूटरों के बीच स्थापित सम्बन्ध को internet कहते हैं. इन्टरनेट विश्व का सबसे बड़ा नेटवर्क है.
What is internet in hindi

Internet ki khoj kisne ki

इंटरनेट की खोज के पीछे कई लोगो का हाथ था. सबसे पहले  लियोनार्ड क्लेरॉक (Leonard Kleinrock )ने इंटरनेट बनाने की योजना बनाई बाद में 1962 में J.C.R. Licklider ने उस योजना के साथ, रोबर्ट टेलर (Robert Taylor) की मदद से एक Network बनाया जिसका नाम “ARPANET “ था. ARPANET को  TELNET नाम से 1974  में व्यावसायिक रूप से उपयोग में लाया गया. भारत में इन्टरनेट 80 के दशक में आया.

History of Internet in hindi (इन्टरनेट का इतिहास)

सबसे पहले सन 1969 में अमेरिका के रक्षा विभाग में  Advance Research Project Agency (ARPA) नाम का नेटवर्क लांच किया गया जिसका प्रयोग गुप्त सूचनाओ को भेजने के प्रयोग में लाया गया. सन 1971 में सबसे पहला Email Ray Tomlinson ने भेजा था | जैसे जैसे इसके फायदे का पता चलता गया वैसे वैसे ही इसका इस्तेमाल बढता गया. भारत में इन्टरनेट 80 के दशक मे आया.

इंटरनेट का उपयोग

  • आपस में बात चीत कर सकते है
  • नए दोस्त बना सकते है
  • किसी भी फाइल को तुरंत ट्रान्सफर कर सकते है
  • online पढाई कर सकते है
  • घर बैठे शोपिंग कर कर सकते है
  • न्यूज़ पढ़ सकते है
  • मोबाइल, बिजली, phone का बिल जमा कर सकते है.

Internet ke labh aur hani in hindi

इन्टरनेट के बहुत से फायदे है. जहा आप बैठे बैठे  online banking, बिल, online tv, movie, game, शोपिंग, और पढाई भी कर सकते है वही इसकी कुछ हानियाँ भी है. कुछ लोग इसके आदी हो जाते है और दिन दिन भर इससे चिपके रहते है जिससे उनकी आँखों की रौशनी कम हो सकती है, साथ यह लोगों ही स्मृति यानि याद्दाश्त को भी बहुत प्रभावित करता है साथ ही इन्टरनेट का इस्तेमाल करने से वायरस का भी खतरा रहता और कुछ हैकर आपकी निजी जानकारी को भी चुरा सकते है जो आपके लिए हानिकारक हो सकती है.

Google Kya hai – What is google in hindi

Google Kya hai : दोस्तों यदि आपसे कोई पूछे गूगल क्या है तो आपका जवाब तुरंत आएगा कि google एक search engine है. लेकिन आपसे कोई पूछे गूगल का अविष्कार किसने किया तो शायद आपके मुह पर चूपी छा जाए. तो आइये दोस्तों आज के इस लेख में हम आपको बताएँगे कि गूगल का अविष्कार किसने और कब किया इसके अलावा भी बहुत सी जानकारी हम आपको इस लेख में देंगे तो आइये सबसे पहले जानते है Google kya hai ?

Google kya hai : What is google in hindi

Google एक internet सर्च इंजन है जो सन 1996 में सर्गेई ब्रिन और लैरी पेज द्वारा स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में एक शोध परियोजना के रूप में इंटरनेट पर फाइलें ढूंढने के लिए शुरू किया गया था। शुरुआत में इन्होने इस परियोजना का नाम BACKRUB तय किया था लेकिन लैरी और सर्गे ने बाद में इस सर्च इंजन का जो नाम तय किया वो था Googol. Googol एक मैथमेटिकल शब्द है जिसका मतलब 1 के पीछे 100 होता है. जैसा कि पहले बताया कि Google शब्द googol से लिया गया था लेकिन बोलचाल में Googol शब्द Google जैसा प्रतीत होता था इसलिए Googol को बदलने और उसके बारे में निर्णय लेने के लिए अपने search engine का उन्होंने जो नाम तय किया, वो आज Google के नाम से पूरी दुनिया में जाना जाता है.

Google की शुरुआत :

google.com नाम के Domain को 15 सितंबर, 1997 के बाद पंजीकृत कराया गया था, और कंपनी की शुरुआत 4 सितंबर, 1998 को की गई थी। क्या आप को पता है आज की तरह दिखना वाला google 1998 में कैसा दिखता था ? नीचे दी गई तस्वीर में देखे 1998 को जब गूगल लांच किया गया था तब व कुछ इस तरह दिखता था.
इंटरनेट पर सबसे अच्छे खोज इंजनों में से एक होने के साथ, Google ने Google Maps और Google Local जैसी अन्य कई अन्य सेवाओं को भी शामिल किया है ताकि अधिक अच्छे परिणाम उपलब्ध कराए जा सकें। अपनी स्थापना के एक साल के भीतर ही गूगल 2.5 करोड़ से ज्यादा पेज index कर लिए थे. गूगल की सफलता को देखकर SunMicro System के founder एंडी बेचल्स्हिम्स ने एक लाख डॉलर का फण्ड दिया हालाँकि गूगल उस समय तक किसी भी प्रकार से कमाई नहीं कर रहा था. इसके बाद गूगल internet की दुनिया में आगे बढ़ता चला गया. लेकिन 1999 में एक समय ऐसा भी आया जब इसके संस्थापकों ने इसे बेचने का निर्णय लिया. वो इसे सिर्फ इसलिए बेचना चाहते थे क्यूंकि इस प्रोजेक्ट के कारण वो अपनी पढाई पर धयान नहीं दे पा रहे थे. उन्होंने Excite कंपनी के संस्थापक Gref Bell को 10 लाख डालर का ऑफर की जिसे Gref Bell ने एक बेकार प्रोजेक्ट बताकर खरीदने से मना कर दिया.

Google Services :

Android : स्मार्टफ़ोन के लिए सबसे व्यापक रूप से प्रयोग होने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम
Blogger : अपनी Blog website बना सकते है.
ChromeOS : लैपटॉप और पोर्टेबल कंप्यूटरों के लिए Google द्वारा विकसित ऑपरेटिंग सिस्टम
Gmail : 1 जीबी से अधिक भंडारण के साथ नि: शुल्क ऑनलाइन ई-मेल सेवा ।
Google+ : यह Google की social networking site है जहाँ यूजर पिक्चर, मेसेज, वेबसाइट विडियो इत्यादि शेयर कर सकते है.
Google AdSense – एक ऐसी सेवा जो website publishers या blogger को अपनी साइट पर विज्ञापन दिखाने के लिए पैसे देती है।
Google AdWords – ऐसी सेवा जो किसी भी एडवरटाइजर के लिए है.
Google Analytics – Google Analytics किसी भी व्यक्ति को अपनी वेबसाइट पर आने विज़िटर की निगरानी और रिपोर्ट बनाने की अनुमति देता है।
Google Books -Google की एक शानदार सेवा जिसमें हजारों पुस्तकों को खोजा जा सकता है।
Chrome – सबसे ज्यादा popular desktop Internet browser.
Google Drive – Google की क्लाउड स्टोरेज सेवा 24 अप्रैल 2012 को को चालू हुई थी. जो उपयोगकर्ताओं को Google क्लाउड में अपने दस्तावेज़ों और फ़ाइलों को देखने, और सुरक्षित रखने की अनुमति देती है।
Google Earth – एक शानदार सॉफ्टवेयर प्रोग्राम जो एक व्यक्ति को धरती पर लगभग हर जगह देखने की अनुमति देता है, निर्देश प्राप्त करता है, करीबी दुकानों और रुचि के स्थानों को खोजता है, और बहुत कुछ।
Google Maps – गूगल मैप की सहायता से आप किसी भी जगह को बड़ी आसानी के साथ खोज सकते है.
Google Play – इसे हम प्ले स्टोर के नाम से भी जानते है जहाँ कोई भी android app, games, themes सर्च कर डाउनलोड कर सकते है.
Google Translator – किसी भी भाषा को या वेबसाइट के पेज को अपनी भाषा में ट्रांसलेट करने की अनुमति देता है.
Google Voice – इसकी सहायता से किसी भी चीज को आप सिर्फ बोलकर ही सर्च कर सकते है.
YouTube – YouTube गूगल की बहुत ही एक सर्विस है जिसे को गूगल ने इसे 2006 में ख़रीदा था. गूगल खुद से कोई भी विडियो youtube अपलोड नहीं करता है बल्कि इसके यूजर ही youtube पर विडियो अपलोड कर पैसे कमाते है. YouTube se paise kaise kamate hai ?
Input Typing Tool : यह गूगल का टाइपिंग टूल है जिसका प्रयोग कर के हम अपनी भाषा में Hindi Typingकरते है.
इसके अलावा भी गूगल की और भी बहुत सारी सर्विसेज है जिनका वर्णन यहाँ नहीं किया है. जहाँ गूगल ने इतनी सारी उपलब्धियां प्राप्त की वही गूगल के साथ बहुत सारे विवाद भी जुड़े है. गूगल अमेरिका पांच सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है किन्तु सबसे कम टैक्स देने डाली कंपनी गूगल ही है जिसको लेकर अतीत में विवाद हो चूका है. गूगल Neutrality search, से लेकर कॉपीराइटेड मटेरियल सर्च कराने को लेकर भी विवाद के घेरे में आ चुकी है.
तो दोस्तों आशा करता हूँ आपको Google kya hai और गूगल के अविष्कार कौन है कि जानकारी आपको अच्छी लगी होगी.

Computer Tips

कंप्यूटर पर इंटरनेट ब्राउज़िंग के लिए कीबोर्ड शॉर्टकट

यहाँ हमने GOOGLE क्रोम ब्राउज़र में प्रयोग होने वाले कीबोर्ड शॉर्टकट शामिल किये है, सामान्यतः ये कीबोर्ड अन्य ब्राउज़र में भी वही कार्य करते है।
  1. नई ब्राउज़र विंडो खोलने के लिए : Ctrl + N 
  2. उसी ब्राउज़र में नई टैब के लिए : Ctrl + T
  3. प्राइवेट ब्राउज़िंग विंडो के लिए : Ctrl + Shift + N
  4. वर्तमान टैब को बंद करने के लिए : Ctrl + F4 या Ctrl + W
  5. वर्तमान ब्राउज़र विंडो को बंद करने के लिए : Alt + F4
  6. पिछले बंद हुए टैब को फिर से खोलने के लिए : Ctrl  + Shift + T
  7. वर्तमान टैब को बुकमार्क करने के लिए : Ctrl + D
  8. ब्राउज़िंग हिस्ट्री देखने के लिए : Ctrl + H 
  9. डाउनलोड हिस्ट्री देखने के लिए : Ctrl + J
  10. वर्तमान पेज में कुछ खोजने के लिए : Ctrl + F
  11. खोजे गए शब्द के अगले परिणाम पर जाने के लिए : Ctrl + G
  12. खोजे गए शब्द के पिछले परिणाम पर जाने के लिए : Shift + Ctrl + G
  13. पिछले पेज पर जाने के लिए : Alt + Left Key
  14. अगले पेज पर जाने के लिए : Alt + Right Key
  15. अगली टैब पर जाने के लिए : Ctrl + Tab
  16. पिछली टैब पर जाने के लिए : Ctrl + Shift + Tab
  17. पेज को रीलोड करने के लिए : Ctrl + R या F5
  18. लोड होते पेज को रोकने के लिए : Esc
  19. किसी भी टैब पर जाने के लिए : Ctrl + नंबर (उदाहरण के लिए – तीसरी टैब पर जाने के लिए Ctrl + 3 दबाएँ)
  20.  ब्राउज़र की एड्रेस बार में जाने के लिए : Ctrl + L या Alt+D या  F6
  21. किसी वेबसाइट को टाइप करते समय अपने आप आगे www. और पीछे .com  लगाने के लिए : Ctrl + Enter
  22. वेब पेज को निचे स्क्रॉल करने के करने के लिए : Space
  23. वेब पेज ऊपर स्क्रॉल करने के लिए : Shift + Space
  24. वेब पेज में सबसे ऊपर जाने के लिए : Home
  25. वेब पेज में सबसे नीचे जाने के लिए : End
  26. वेबपेज में ज़ूम करने के लिए : Ctrl और +
  27. वेबपेज में ज़ूम आउट करने के लिए : Ctrl और –
  28. ब्राउज़िंग हिस्ट्री, कूकीज, कैश इत्यादि क्लियर करने के लिए : Ctrl + Shift + Delete
  29. ब्राउज़र को फूल स्क्रीन करने के लिए : F11
  30. वर्तमान वेब पेज के सोर्स कोड को देखने के लिए : Ctrl + U
  31. वर्तमान पेज को प्रिंट करने के लिए : Ctrl + P
  32. डेवलपर टूल खोलने के लिए : F12


फोटोशॉप में फाइल खोलना (Opening a File) ! Learn Photoshop in Hindi

फोटोशॉप में फाइल खोलना (Opening a File) Learn Photoshop in Hindi

Photoshop में आप एक साथ कितनी भी चित्र फाइलों को खोल सकते है , यदि आपके कंप्यूटर की RAM का आकार उन्हें सँभालने के लिए पर्याप्त हो ! यदि फाइल का फॉर्मेट .psd अर्थात फोटोशॉप का अपना फॉर्मेट है तो आप उसके आइकॉन को डबल –क्लिक करके ही फाइल को खोल सकते है ! ऐसा करते ही फोटोशॉप शुरु हो जायेगा और वह फाइल खुल जाएगी ! किसी अन्य फॉर्मेट की फाइल को फोटोशॉप में खोलने के लिए निम्न कार्य कीजीए- 1. File मेनू में Open…. आदेश दीजिए या फिर कण्ट्रोल के साथ O (Ctrl+O) बटन दबाएँ ! इससे आपकी स्क्रीन पर निचे दिए गए चित्र की तरह ‘Open’ का डायलॉग बॉक्स खुल जायेगा
2. इसके Look in ड्राप-डाउन लिस्ट बॉक्स में उस ड्राइव और फोल्डर का नाम चुनिए जिसमे वह फाइल है जिसको आप फोटोशॉप में खोलना चाहते हैं ! इससे उस फोल्डर में उपलब्ध ऐसी चित्रफाइलों के नाम बिच के खाली भाग में दिखाई देंगे जिन्हें आप फोटोशॉप में खोल सकते हैं !
3. बीच के भाग में उस फाइल के नाम को क्लिक करके चुनिए ! ऐसा करने पर प्राय: उस चित्र फाइल का प्रिव्यू निचे के भाग में दिखाई देता है !
4. Open बटन को क्लिक कीजिए ! इससे वह चित्र फोटोशॉप में खुल जाएगी

इंटरनेट के जरुरी डिवाइस IMPORTANT INTERNET REQUIRMENT

इंटनेट पर सर्फ करने के लिएए काफी उपकरणों की जरुरत होती है।

कंप्यूटर Computer

कोई भी कंप्यूटर इन्तेर्नत से जोड़ा जा सकता है।

प्रोग्राम Program

इंटरनेट  पर खास प्रोग्रम्म्स की जरुरत होती है।  ज्यादातर सर्विस प्रोवाइडर इन प्रोग्रामो को मुफ्त देते है।

मॉडेम Modem

मॉडेम के जरिये कंप्यूटर एवं इंटरनेट के बीच सूचनाओ का आदान – प्रदान होताहै।

टेलीफोन लाइन या आई एस डी एन  लाइन्स Telephone Line or ISDN lines

टेलीफोन → इंटरनेट की साड़ी सुचना टेलीफोन लाइन के जरिये ही उपलब्ध होती है।
आई एस डी एन  लाइन्स →  आई एस डी एन  लाइन्स या इंटीग्रेटेड सर्विस डिजिटल नेटवर्क एक इंटरनेशनल टेली कम्युनिकेशन स्टैंडर्स है जो आवाज़ के संचार के लिए, वीडियो  एवं डाटा  को भी डिजिटल लाइनो के द्वारा 64 किलो बिट्स प्रति सेकंड की दर से संप्रेषित करती है।  टेलीफोन कंपनिया आमतौर पर 64 kbps  चैनेल  ही दुतरफा आवाज़ या बातचीत केलिए उपलब्ध करती है

आई एस पी ( इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर ) Internet Service Provider

इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर एक कंपनी है जो इंटरनेट तक पहुच उपलब्ध कराती है।  जैसे JIO Bsnl, tata indicom, reliance, vodafone, docomo, mtnl. tikona, nextra, airtel mantra online इत्यादि

सर्वर किसे कहते है What is Server

इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटर क्लाइंट और सर्वरों  का इस्तेमाल कर दुनिया भर में एक दूसरे को Data Tranfer करते है।  वह कंप्यूटर जो किसी Network के स्रोतों जैसे प्रोग्राम और डाटा  को व्यवस्थित करता है और एक केंद्रीय स्टोरेज एरिया उपलब्ध करता है सर्वर कहलाता है
वह कंप्यूटर जो इस Storage Area तक एक्सेज कर प्रोग्राम या डाटा  लेना चाहता है Client  कहलाता है।  इंटरनेट पर एक क्लाइंट जो कई सारे सर्वरो के फाईलो और प्रोग्रामो तक एक्सेस कर सकता है Host Computer कहलाता है।  आपका कंप्यूटर होस्ट कंप्यूटर ही है।
इंटरनेट की अंदरुनी संरचना में एक Transportation System  होता है।  एक ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम में ट्रैफिक का ज्यादातर लोड हाईवे वहन करते है।  जो बड़े शहरो को जोड़ते है। ठीक इशी प्रकार इंटरनेट में कुछ मुख्य कम्युनिकेशन लाईने होती है जो ट्रैफिक का अधिकतम भर वहन  करती है।  इन Communication  लाईनों  को संयुक्त रूप से इंटरनेट backbone कहते है।
इंटरनेट एक पैकेट आधारित नेटवर्क है। इसका मतलब है की जो डाटा  आप ट्रांसफर करते है वह पैकेट में बट जाता है तो तब क्या होता है जब आप इंटनेट के विभिन्न नेटवर्कों के बीच डाटा  ट्रांसफर करते है।  नेटवर्क नेटवर्क विशेष कम्प्यूटरों से जुड़े होते है जिनको राऊटर कहते है।
एक Router पहले यह चैक करता है की आपके Packet (डेटा) को कहाँ जाना है फिर वह यह तय करता है की किस दिशसा में इसे भेजा जाए।  यह संभव नहीं है की प्रत्येक राऊटर अन्य दूसरे राऊटर से जुड़ा हो।  वे सिर्फ आपके डाटा  की दिशा तय करते है।  राऊटर को यह बताने  के लिए की डेटा को कहाँ जाना है , एक तरह का एड्रेस होता है जो ip  कहलाता है।  IP (Internet Protocol )  के साथ ट्रांफर होने वाला डाटा  पैकेट में बटा  होता है।  यह एक अन्य प्रोटोकॉल द्वारा हैंडल किया जाता है जिसे TCP (transmission control protocol ) कहा जाता है।
बाद में यह खोज गया की IP एड्रेस जो वास्तव में सिर्फ नंबर होते है कंप्यूटर तो आसानी से हैंडल कर सकता है लेकिन  मनुष्य होने के नाते हमारे लिए यह संभव नहीं होता।  इससे निपटने के लिए 1984 में डोमेन नाम अस्तित्व  में आया।  Domain Name Internet  पर किसी व्यक्ति के अकाउंट  लोकेशन होते है।

कैसे बनाये अपने Laptop को Wifi Hotspot पूरी जानकारी

क्या आप कभी ऐसी situation में फंसे हैं जब आपके पास network cable तो है, पर कोई Wi-Fi routerनहीं, लेकिन कई लोगों को एक ही वक्त पर internet इस्तेमाल करना है? या फिर आपके पास 3G dongle है जो लैपटॉप पर काम करता है, पर Wi-Fi only tablet के लिए किसी काम का नहीं। ऐसा हुआ है आपके साथ? कितना अच्छा होगा कि बिना router के आप अपने internet connection को सभी users और devices पर शेयर कर पाएं।
आप अपने laptop या desktop के इंटरनेट कनेक्शन को Wi-Fi के जरिए दूसरे device के साथ शेयर कर सकते हैं, और ज्यादातर वक्त ऐसा करना बेहद ही आसान है। Mac users को कोई परेशानी नहीं आती क्योंकि OS X में Internet Sharing setup  करना, चंद क्लिक का काम है। हालांकि, Windows यूजर्स के लिए यह process थोड़ा पेंचीदा है। complex setup process और reliability की समस्या के कारण Built-in options भी कभी-कभार कारगर नहीं  होता।
Windows 7, Windows 8, या Windows 8.1 पर Internet sharing
अच्छी बात यह है कि Market में आपकी machine  को Wi-Fi hotspot में तब्दील करने वाले कई apps available हैं। लेकिन इसे इस्तेमाल में लाने से पहले Microsoft की website पर Windows built-in sharing के बारे में जानकारी हासिल कर लें। उम्मीद करते हैं कि आपका  luck हमसे बेहतर होगी। हम यही suggest करेंगे  कि आप इस process को नजरअंदाज करके third-party app को इस्तेमाल में लाएं, क्योंकि आम तौर पर इसका experience better रहेगा।
हमने Popular App Connectify और Virtual Router Plus को test   किया। Virtual Router Plus के साथ अनुभव खराब रहा। installed anti-virus ने इसे सिस्टम के लिए खतरनाक (Threat) बताया, और installation के दौरान इसने कई unauthenticated software इंस्टॉल करने की कोशिश की। Connectify के साथ इस तरह की समस्या नहीं आई। आपके कम्प्यूटर को वाई-फाई हॉटस्पॉट में तब्दील करने के लिए यह एक trusted app है।
इस process के लिए आपको एक ऐसे Windows कम्प्यूटर का इस्तेमाल करना होगा, जिसमें Wi-Fi adapter  (या built-in Wi-Fi) हो। अगर आपके कंप्यूटर में वाई-फाई नहीं है, तो आप एक buy कर  लें जो USB के जरिए connect  हो जाए।
Windows मशीन को Wi-Fi hotspot  बनाने के लिए इन steps को follow करें:
1. Connectify को Download कर install करें। Installation करना बेहद ही सीधा है और जब यह पूरा हो जाए तब आप अपने कंप्यूटर को restart  कर लें।
2. computer restart  करने के बाद check कर  लें कि यह इंटरनेट से connected है या नहीं। अगर है तो Connectify Hotspot को चलाएं।
3. आप ऐप में दो tabs देख पाएंगे- settings and clients। settings टैब में “Create a।।।” के अंदर Wi-Fi hotspot  पर क्लिक करें।
4. Internet to share के नीचे आप एक drop-down menu देखेंगे। इसे Expand करें और जिस connection को शेयर करना है उसे सेलेक्ट करे । हमने इस ऐप को wired और  wireless connection के साथ टेस्ट किया, दोनों ही  circumstances में यह ठीक से काम कर रहा था।
5. Menu में आप कई और options देख पाएंगे। वाई-फाई के लिए password  डालें। Start हॉटस्पॉट पर क्लिक करें।
बस आपको इतना ही करने की जरूरत है। अब आपके दूसरे device Connectify-me नाम से एक Wi-Fi network डिटेक्ट करने लगेंगे। password  डालें और बिना किसी परेशानी के Internet use करें।
Kaise Banaye Apne Laptop ko Wifi Hotspot Hindi Tips And Tricks

Kaise Banaye Apne Laptop ko Wifi Hotspot Hindi Tips And Tricks



Connectify एक paid app है, लेकिन कुछ कम features के साथ इसका free version भी उपलब्ध है। आप free version की मदद से हॉटस्पॉट तो बना सकते हैं, पर सबसे बड़ी खामी यह है कि हर 30 मिनट बाद यह अपने आप disconnect हो जाएगा और हर बार एक pop-up दिखेगा, जिसमें आपसे pro version खरीदने के लिए पूछा जाएगा। आपको हर बार हॉटस्पॉट को मैनुअली re-enable करना होगा।
Pro version में ज्यादा features हैं और एक साल के लाइसेंस की कीमत है $ 25 (Rs 1,550) व लाइफ टाइम के लिए $40 (2,450 रुपये)। इस version में Unlimited HotSpot Uptime, के अलावा custom hotspot naming, 3जी और 4G networks (USB Internet Dongle),  से Internet Sharing और  Advanced Firewall Controls.  जैसे फीचर्स हैं।

OS X पर इंटरनेट शेयरिंग

Mac यूजर्स के लिए यह process बेहद ही आसान है। इस तरह से आप Mac का internet connection. शेयर कर सकते हैं।
1. System Preferences खोलें। इसके बाद sharing में जाएं। फिर internet शेयरिंग को चेक करें।
2. दायीं तरफ Share Your Connection के बाद बने drop-down menu को एक्सपेंड करें, शेयर किए जाने वाले connection को चुनें। आप Ethernet, Wi-Fi, Bluetooth या iPhone USB के जरिए  internet connection शेयर कर सकते हैं।
अगर आप iMac, Mac Pro, या MacBook Pro पर wired इंटरनेट कनेक्शन इस्तेमाल कर रहे हैं तो आम तौर पर आप Ethernet चुनना चाहेंगे। अगर आप अपने MacBook Air के लिए external Ethernet adapter का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आप USB Ethernet या Thunderbolt Ethernet चुनना चाहेंगे। हालांकि, यह आपके dongle पर निर्भर करेगा (सामान्य तौर यह USB होता है)।
3. उसके नीचे, To computers using के बगल में  एक बॉक्स बना है। यहां पर आपको वाई-फाई के बगल वाले बॉक्स में टिकमार्क करना होगा।
4. इसके बाद  box के नीचे Wi-Fi Options बटन पर क्लिक करें। नेटवर्क चुनें, फिर security type औरpassword व Verify field में पासवर्ड डालें। हम आपको यही सुझाव देंगे कि Security Option में  (None) चुनने के बजाए आप passkey डालें। आप channel  को  default value पर छोड़ सकते हैं, अगर आपको नहीं पता कि आप क्या कर रहे हैं। OK पर क्लिक करें।
5. अगर आपका कनेक्शन  active है, तो आप एक green icon देख पाएंगे। इसके अलावा system Preferences के अंदर इंटरनेट शेयरिंग text देख पाएंगे।
wifi hotspot hindi
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बस हो गया! आप दूसरे devices को Internet से कनेक्ट कर उसका इस्तेमाल शुरू कर सकते हैं।
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आप इस तरह से अपने PC या Mac को Wi-Fi hotspot  में तब्दील कर सकते हैं। क्या ऐसा करने का कोई और तरीका भी Available है, तो Comment Box के जरिए हमें बताएं।
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बिना पासवर्ड के कैसे शेयर करें वाई-फाई इंटरनेट कनेक्शन Wifi

यदि आप चाहते है की आपके घर ऑफिस में जिनके साथ आप अपना wifi इंटरनेट कनेक्शन उन्हें आपके wifi का पासवर्ड बताए बिना ही वह इंटरनेट का इस्तेमाल करे और आपका wifi भी सुरक्षित रहे तो जरूर पढ़े। How to Share wifi Without Password -बिना पासवर्ड के कैसे शेयर करें वाई-फाई इंटरनेट कनेक्शन.
यदि  आपके दाेस्त या रिश्तेदार आपके घर का वाई-फाई इंटरनेट कनेक्शन (Wi-Fi internet connection) मॉगें तो आप बिना किसी परेशानी के  उन्हें अपना वाई-फाई कनेक्शन शेयर कर सकते हैं,
जिसके लिए  आपको सिर्फ वाई-फाई कनेक्शन के लिये एक क्यूआर कोड बनाना होगा
  1. बहुत आसान तरीका है नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके आप zxing.appspot.com पर जाए।
  2. वहां आपको   QR Code Generator, पर क्लिक करना है।
  3. अब आपके सामने एक फॉर्म का पेज नज़र आएगा।
  4. अब सिर्फ आपको अपने वाई-फाई की सभी जानकारी यह भरनी है जैसे SSID,Password में वही पासवर्ड डालिये।
  5. जो आपके नेटवर्क का पासवर्ड है। और Generate पर क्लिक करना है।
  6. आपके सामने एक क्यूआर कोड आयेगा,
  7. इसे नीचे दिये गये Download बटन पर क्लिक करके  डाउनलोड कर ले  और एक पेपर पर प्रिंटआउट निकाल कर अपने पास रख ले।
  8. अब आपके wifi  का QR Code तैयार है। अब अगर आपका दोस्त आपके वाई-फाई को शेयर करने के कहे तो उससे इस क्यूआर कोड को स्कैन करने के लिये कहिये, ऐसा करते ही वह आपके वाई-फाई नेटवर्क को बिना पासवर्ड के यूज कर पायेगा

Computer parts Knowledge in Hindi (कंप्यूटर पार्ट्स)

कंप्यूटर हार्डवेयर Computer hardware को समझने के लिए हमे उनके पार्ट्‌स के बारे में जानना जरूरी हैं|
कंप्यूटर में मुख्य रूप से निम्न पार्ट्‌स होते हैं।  COMPUTER PARTS

Micro Processor प्रोसेसर : Computer parts Knowledge  in Hindi (कंप्यूटर पार्ट्स)

माइक्रोप्रोसेसर जिसको सीपीयू भी कहा जाता है एक चिप की तरह होती है जिसे मदरबोर्ड पर सीपीयू सॉकेट में लगाया जाता है। कंप्यूटर की स्पीड सीपीयू पर ही निर्भर होती है। इसलिए हमेशा कंप्यूटर लेते समय सीपीयू पर ध्यान देना चाहिए। सीपीयू Intel AMD कंपनी के मिलते है।

Mother Board मदर बोर्ड  : Computer parts Knowledge  in Hindi (कंप्यूटर पार्ट्स)

सीपीयू cpu के अनुसार मदरबोर्ड का चुनाव किया जाता है। आपको वही मदरबोर्ड लेना चाहिए जो आपके सीपीयू को सपोर्ट करता हो। यह एक समतल बोर्ड होता है जिसके ऊपर बहुत सारे कंपोनेंट्स सॉकेक्ट कनेक्टर लगे होते है। कंप्यूटर के सभी पार्ट्स को मदरबोर्ड पर जोड़े जाते है। यह भी बहुत कम्पनियो के द्वारा बनाये जाते है जैसे : Intel Motherboard, Asus Motherboard, Gigabyte Motherboard, MSI Motherboard, Zebronics Motherboard और chines Motherboard .

Memory मेमोरी

Memory जिसे रैम ( Random Access Memory) कहा जाता है। पतली पीसीबी(PCB) पर कुछ कंपोनेंट्स लगे होते है। सीपीयू सारे काम रैम के द्वारा ही संम्पन करता है बिना इसके कंप्यूटर में डिस्प्ले नहीं आएगी। कंप्यूटर की काम करने की स्पीड सीपीयू के बाद रैम पर निर्भर करता है। यह कई कैपेसिटी के आती है। Kingston Ram 1GB, 2GB, Simtronics Ram, hynics, IBM ect

Hard Disk Drive हार्ड डिस्क

हार्ड डिस्क एक स्टोरेज डिवाइस (storage Device ) होती है , जिसमे कंप्यूटर के सारे सॉफ्टवेयर फाइल Audio, Video, Image Files आदि को Store किया जाता है, कंप्यूटर की विंडो या ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर HDD में ही Install की जाती है , इसकी Capacity जितनी ज्यादा होगी। उतना ज्यादा डेटा रख सकते है . पर्सनल कंप्यूटर में यह दो Types में आती है IDE और SATA . Sata HDD की Speed ज्यादा होती है। samsung hard disk, segate hdd, WD hard disk drive—160 GB, 250 GB, 320 GB, 500GB, 1TB, 10 TB

CD/DVD Drive सी.डी रोम

यह एक ऑप्टिकल ड्राइव प्लेयर(optical Drive Player) होती है। जिसमे CD डीवीडी को चलाया जाता है। CD के द्वारा कंप्यूटर में विंडो डालने गेम्स सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करने तथा CD से Films देखने आदि काम किये जाते है , यदि Cd राइटर है तो आप Blank CD को Write भी कर सकते है , LG DVD WRITER, HP, SONY, ASUS DVD WRITER

Modem मॉडेम : Computer parts Knowledge  in Hindi (कंप्यूटर पार्ट्स)

modem के द्वारा कंप्यूटर को Internet से Connect के लिए होता है। यह दो तरह के होते है , Internal और External। लेकिन अब USB Data Card का उपयोग बहुत किया जाता है

Sound Card साउंड कार्ड

साउंड कार्ड के द्वारा कंप्यूटर को स्पीकर से जोड़ा जाता है। साउंड की क्वालिटी और परफॉमेंस साउंड कार्ड पर निर्भर करता है। ज्यादातर मदरबोर्ड में साउंड कार्ड पहले से ही लगे होते होते हे लेकिन अलग से भी साउंड कार्ड को मदरबोर्ड में Install किया जा सकता है।

Monitor मॉनिटर

मॉनिटर का काम कंप्यूटर के सारे काम को Screen पर दिखाना होता है। यह दो तरह के होते है। CRT और LCD . यह बहुत से साइज में आते है LG Monitor. Samsung Lcd monitor, BenQ, HP, Sony, Intex

Keyboard/Mouse की-बोर्ड  माउस

Keyboard पर बहुत सारे बटन होते है , जिनको दबाकर कंप्यूटर में instraction दिया जाता हैहै , जिससे कंप्यूटर काम करता है। माउस ऑप्टिकल डिवाइस होता है। इस पर दो buttons लगे होते है। मॉनिटर के स्क्रीन पर कर्सर के द्वारा कंप्यूटर में काम किया जाता है।

Speaker

स्पीकर के द्वारा कंप्यूटर साउंड को सुनने इसका उपयोग करते है

Printers

प्रिंटर कंप्यूटर के डेटा को प्रिंट Print करता है।

कंप्यूटर असेम्ब्लिंग क्या है – Computer Assembling

कंप्यूटर असेम्ब्लिंग क्या है ? What is Computer Assembling 
कंप्यूटर कई भागो  से  मिलकर बनता है।  जिसमें Motherboard से लेकर Hard disk, floppy Disk Drive, Cd-Rom Drive इत्यादि शामिल है।  इन सभी Computer Parts को ठीक तरह से Assemble करके एक system का रूप देना Computer Assembling कहलाता है।
कंप्यूटर असेम्बल करने के लिए दो तरह के पार्ट्स को  प्रयोग किया जाता  है।

1. अनिवार्य पार्ट्स  COMPULSORY COMPUTER PARTS :


यह ऐसे पार्ट्स होते है जिनके बगैर कंप्यूटर को असेम्बल नहीं किया जा सकता है।
  • Motherboard
  • Processor
  • Ram
  • Hard Disc Drive
  • Dvd Rom or CD Rom 
  • SMPS ( Switch Mode Power Supply )
  • Monitor (CRT/LCD/TFT/LED)
  • Keyboard/Mouse

2. वैकल्पिक पार्ट्स OPTIONAL COMPUTER PARTS

ऐसे पार्ट्स जिनके बिना भी कंप्यूटर को असेम्बल किया जा सकता है वैकल्पिक पार्ट्स होते है।  जैसे
  • Printer, Scanner
  • Pen Drive
  • Speaker
  • Projector
  • UPS (compulsory)
  • Web Camera

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इंटरनेट से पैसे कमाने के तरीके – Make Money Online


यदि आज तक आप इंटरनेट में ईमेल, फेस्बूक, टिवीटर व अन्य वैबसाइटस का इस्तेमाल सिर्फ अपने मनोरन्जन व टाइम पास के लिए करते थे तो मैं आज आप को Make Money Online का तरीका बताने जारहा हूँ, आप को इंटरनेट पर उतना ही टाइम बिताना होगा जितना आप अभी भी बिताते हैं फर्क सिर्फ इतना होगा की पहले आप सिर्फ अपना मनोरंजन ही करते थे मगर अब आप मनोरंजन के साथ – साथ पैसा भी कमाएंगे और आप का ज्ञान भी बड़ेगा। इसके लिए आप को जिस भी चीज में रुचि है या आप को जिस भी चीज का ज्ञान है उसे लोगो तक बिंटना होगा जोकि एक ब्लॉग के द्वारा ही संभव है और उसी ब्लॉग से आप पैसे भी कमाओगे। तो जानते है की ब्लॉग द्वारा इंटरनेट से पैसे कमाने का तरीका ।

GOOGLE ADSENSE के द्वारा ONLINE MONEY MAKING

Google Adsense दुनिया का सबसे बड़ा व जादा पैसे बांटने वाला Ads Network है। आप को करना यह है की जब आप अपना ब्लॉग बना लें तो आप को Google Adsense के लिए apply करना है और google द्वारा मान्यता प्राप्त होने पर आप को अपने ब्लॉग मैं Google की Advertisement करनी है, यानि Google Adsense द्वारा बनाए गए बिज्ञापनों का Code अपने ब्लॉग मैं लगाना होगा, जैसे ही आपके ब्लॉग मैं ads चलना शुरू हो जाएगा आप पैसे कमाने लगोगे। Google ये पैसे आप को हर महीने में देता है जो कि सीधे आप के Bank Account में आते है या फिर आप के घर पे Google Cheque पहुंचाता हैं। मगर इसके लिए गूगल की एक सर्त होती है कि जब भी आप के अकाउंट मैं 100$ होंगे तब ही गूगल आप को पैसे भेजेगा। मान लो इस महीने आप के अकाउंट मैं 75$ हुए तो गूगल आप को पैसे नहीं भेजेगा, पर जब अगले महीने आप जीतना भी कमाओगे उस में वह 75$ जुड़ जाएंगे और अगर दोनों महीनो का जोड़ के 100$ या उससे जादा हो जाता है तो गूगल आप को पेमेंट भेज देता है।

AFFILIATES MARKETING द्वारा

Affiliates Marketing द्वारा भी आप अच्छा खासा पैसा कमा सकते हो। Affiliates Marketing आज कल काफी अच्छी Income का जरिया बनता जा रहा है, काफी लोग इस से हजारो बल्कि लाखो पैसे कमा रहे हैं। आज कल Affiliates Marketing के द्वारा हर वह Company अपने Affiliates को पैसा देती है जो ग्राहक को अपना समान ऑनलाइन बेचती है। और हर बड़ी कंपनी अपना समान ऑनलाइन बेचने लगी है जैसे – Flipkart, eBay, Amazone, Yepme, Snapdeal, HomeShop18, Booking.com, VIA, Make my Trip, Yatra.com, Bigrock, Hostgator, Arvixe, BlueHost और भी बहुत सारी कंपनी हैं। आप को न तो इन का Product बेचना है और ना ही Customer बनाने है, आप को बस इन वैबसाएट्स में जा कर आपना Affiliate account खोलना है और वहाँ से उनके प्रोडक्टस के Advertisement Code को अपने ब्लॉग में लगाना है, code लगते ही आप के ब्लॉग में उन का ads शुरू हो जाएगा, और जब भी कोई visitor उस ads पर क्लिक करता है तो वह visitor सीधे Company कि वैबसाइट में चला जाता है वहाँ जाकर यदि उसे कोई भी product पसंद आता है और वह उसे खरीद लेता है तो आप को वह Company उस product कि टोटल कीमत का 5 से 50 या उस से भी जादा % आप को देता है जो आप के अकाउंट मैं उसी टाइम आ जाते हैं।
दोस्तों Online Money Making के तरीके और भी है, मगर आज मैं इस पोस्ट मैं सिर्फ 2 ही तरीकों के बारे में बता रहा हूँ, इसके अलावा जो तरीके है उन्हे मैं आप लोगो को अपने अगले पोस्ट मैं बताऊंगा। तो आज से ही बल्कि अभी से अपना ब्लॉग बनाने की सोचो ओर इंटरनेट के जरिये सिर्फ मनोरन्जन ही नहीं बल्कि पैसा भी कमाना शुरू करें ।

Seal your Gigs on Fiverr | Fiverr में Gigs बेचना

Fiverr एक वैबसाइट है जिस में किसी भी प्रकार के काम को खरीदा व बेचा जाता है। सिर्फ 5$ में यानि fiverrद्वारा आप किसी भी काम को बेच व खरीद सकते हो जैसे की मन लो आप Logo Design कर सकते हो या फिर Photo एडिट कर सकते हो या Article लिख सकते हो या Video एडिट कर सकते हो कोई भी काम जिस में आप Expert हो बेच सकते हो, और Fiverr से ऑनलाइन अच्छा पैसा कमा सकते हो। Fiverr से काम खरीदा भी जाता है।
नमस्कार दोस्तों आज जिस चीज के बारे में मैं आपको बताने जा रहा हूं वह आपके लिए बहुत ही useful हो सकता है. आज मैं आपको इस पोस्ट में BitCoin क्या है? और इससे आप कैसे earning कर सकते हैं उसके बारे में बताने जा रहा हूं. तो आपका ज्यादा समय न लेते हुए चलिए स्टार्ट करते हैं.

BitCoin क्या है?

बिटकॉइन एक डिजिटल एसेट है, आप Bitcoin को digital currency कह सकते हैं. यानि यह किसी तरीके की फिजिकल करेंसी नहीं है जैसे कि आई.एन.आर. या डॉलर है. इसका अविष्कार Satoshi Nakamoto ने 2009 में किया था. बिटकॉइन सॉफ्टवेयर बेस करेंसी है. यानी बिटकॉइन की जो ट्रेडिंग होती है वह सॉफ्टवेयर के थ्रू होती है. इसका जो भी रिकॉर्ड होता है वह सॉफ्टवेयर के अंदर होता है. यानी इसका कोई एक मालिक नहीं है. बिटकॉइन किसी की व्यक्तिगत प्रॉपर्टी नहीं है. किसी भी कंट्री या कंपनी की बिटकॉइन कोई भी खरीद सकता है और कोई भी इसको यूज कर सकता है. बिटकॉइन के थ्रू आप इंटरनेट के माध्यम से कुछ भी परचेस कर सकते हैं और कुछ भी सेल करके बिटकॉइन कमा सकते हैं. बिटकॉइन बहुत सारी कंपनियां प्रोवाइड कराती हैं. आप उनमें से किसी भी कंपनी में अपना अकाउंट खोलकर बिटकॉइन की ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं

Tech Tips

मोबाइल से डिलीट हुए फोटो वापस कैसे लाये ?- How To Recover Deleted Photos


How To Recover Deleted Photos from mobile?
Smartphone से Photography करना तो हर किसी को पसंद होता है। हर कोई अपनी फोटोज को अपने फोन में सेव करके रखना चाहता है। ऐसे में अगर कभी आपकी फोटोज गलती से Delete हो जाएं, तब आप क्या करते हैं?
आज हम आपको एक ऐसा तरीका बताने जा रहे हैं, जिसके इस्तेमाल से आप अपनी Delete हुई फोटोज को वापस पा सकते हैं। इसके लिए आपको महज कुछ काम करने होंगे। इसकी मदद से आपके फोन से Delete हुई फोटोज वापस Recover की जा सकती हैं और वो भी महज 15 से 20 मिनट में।
Android फोन्स से डिलीट हुई फोटोज को ऐसे Recover करें – इसमें हम आपको बताएंगे कि अपने सैमसंग गैलेक्सी S या गैलेक्सी नोट, मोटो, LG, वनप्लस, सोनी और सभी Android डिवाइसों से हम तस्वीरों को कैसे फिर से प्राप्त कर सकते हैं।
इसके लिए आपको टूलकिट Android Data Recovery आपको बाजार में मौजूद दूसरे टूलकिट से बेहतरीन यूजर इंटरफेस प्रदान करती है। यह टूलकिट दुनिया भर के 6000+ Android Device को सपोर्ट करता है। आइए देखते हैं कि इस टूल का उपयोग कैसे करें।
  • सबसे पहले, ‘Android Data Recovery’ डाउनलोड करें और इसे अपने पीसी या मैक पर Install करें। आपको बता दें कि यह MAC के लिए भी सपोर्ट करता है।
  • अपने पीसी पर Application को चलाएं और दिए गए सभी विकल्पों से “Data Recovery” विकल्प पर क्लिक करें। अब, आपको उस Device से कनेक्ट करना होगा जिससे आप Data Cable  के जरिये फोटो को फिर से पाना चाहते हैं।
  • आपको USB Debagging Mode की अनुमति देने के लिए कहा जा सकता है, अगर आपने पहले अपने Android Phones पर इसे Enable नहीं किया है तो। अब बस नीचे दिए गए निर्देशों का पालन करें।
  • अब आपका डिवाइस सक्सेसफुली कनेक्ट हो चूका है। अब आपको कई प्रकार की फाईलों वाली विंडो दिखाई देगी, जो फिर से Recover की जा सकती हैं। सभी को Deselect करें और केवल ‘Gallery’ विकल्प को चुनें। अब आगे बढ़ने के लिए ‘Next’ पर क्लिक करें।
  • अब इस स्टेप में आप दो मोड देख सकते हैं, एक Standard Mode है और दूसरा Advance Mode है। आपके पहले कोशिश के लिए, Standard Mode की सिफारिश की जाती है। अब वार्निंग मेसेज को एक्सेप्ट करें और Next पर क्लिक करें।
  • Scanning की प्रक्रिया अब शुरू हुई है। इस प्रक्रिया को पूरा होने में थोड़ा वक्त लगेगा। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान अपने Device को Computer से कनेक्ट रखें।
  • Scan प्रक्रिया के पूरा होते ही आप अपने गैलरी के सभी फोटोज को देख पाएंगे। मेन्यू के बायीं ओर ‘Gallery’ पर क्लिक करें। अब उन फोटोज को सिलेक्ट करें और ‘Recover ’ पर क्लिक करें जिसे आप अपने Android Device पर चाहते हैं

क्या करे अगर आपका स्मार्टफोन खो जाये तो ? Mobile Loss Tips in Hindi

What Should we do after lost the Smartphone?
हमारे Smartphone में यूजर्स की कई निजी जानकारी भी सेव रहती है जैसे Contacts, Password और bank Details आदि। ऐसे में अगर कभी आपका Smartphone खो जाए, तब आप क्या करेंगे? अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है तो हम आपके लिए कुछ Tips लेकर आए हैं। जो आपको Smartphone खोने के बाद की स्थिति में मदद करेंगे। साथ ही Smartphone यूजर को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए यह भी हम आपको इस पोस्ट में बताने जा रहे हैं।

Smartphone खोने के बाद ये करें:

1. Smartphone खोने के बाद आप तुरंत अपने मोबाइल ऑपरेटर को कॉन्टैक्ट करें और सिम को ब्लॉक करवाएं। जिससे आपकी सिम का कोई दुरुपयोग नहीं कर पाए। अगर आपको अपने Smartphone का IMEI नंबर पता हो तो आप हैंडसेट को भी ब्लॉक करवा सकते हैं। IMEI नंबर हैंडसेट का यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर होता है। IMEI नंबर Smartphone से *#06# डायल करके पता लगाया जा सकता है।
2. Smartphone खो जाने पर आपको पुलिस में रिपोर्ट करनी चाहिए। यहां भी आपको Smartphone का IMEI नंबर देना होगा। अगर आप अपना हैंडसेट या सिम ब्लॉक कराना चाहते हैं तो ऑपरेटर को चोरी हुए Smartphone की पुलिस एफआईआर कॉपी देनी होती है। साथ ही यह कॉपी इंश्योरेंस कलेम में भी काम आती है, अगर आपके हैंडसेट का इंश्योरेंस हुआ हो तो।

Smartphone के साथ बरतें ये सावधानियां:

1. Smartphone का इस्तेमाल कॉल्स के अलावा भी कई कामों के लिए किया जाता है जैसे ई-मेल पढ़ने के लिए, सोशल मीडिया अकाउंट चेक करने के लिए और शॉपिंग समेत बैंकिंग एप्स का इस्तेमाल करने के लिए। ऐसे में आपको हमेशा अपने पासवर्ड्स को चेंज करते रहना चाहिए। साथ ही Smartphone में कोई भी बैंकिंग और पासवर्ड डिटेल्स सेव नहीं रखनी चाहिए।
2. Smartphone में हमेशा पासवर्ड लगाकर रखना चाहिए। Smartphone का पासवर्ड ऐसा होना चाहिए जो आसानी से कोई भी तोड़ न पाए। आजकल Smartphone में कॉम्बीनेशन पासवर्ड या फिंगरप्रिंट जैसे कई ऑप्शन दिए गए होंगे। साथ ही आप Smartphone में लोकेशन ऑन कर सकते हैं। इससे Smartphone खोने के बाद आप इंटरनेट पर जाकर Smartphone को रिमोटली ब्लॉक कर सकते हैं। साथ ही डाटा को भी डिलीट किया जा सकता है।
3. Smartphone खोने के बाद यूजर्स को सबसे बड़ा नुकसान कॉन्टैक्ट और फोटोज का होता है। ऐसे में आप Smartphone को हमेशा ऑनलाइन स्टोरेज सर्विस से सिंक रखें।

Android Apps Bhim

BHIM App का इस्तेमाल कैसे करे ? जानिए BHIM App के बारे में

How to work BHIM App? How to use BHIM App
नोटबंदी के बाद अभी हॉल में ही भारत सरकार द्वारा Online Transction के लिए BHIM App लांच किया गया है। इस BHIM App से आप आसानी से लेन-देन कर सकते है और अन्य App के मुक़ाबले BHIM App आपके मोबाइल का स्पेस भी कम उपयोग करेगा|  ज्यादातर Omline Money Transction App 5 से 15 Mb के होते है लेकिन BHIM App सिर्फ 1 Mb का एप्प है तो चलिए आज techtipshindi.com में हम आपको BHIM App के बारे में बताएंगे की कैसे इसे डाउनलोड करे, कैसे रजिस्टर करे और कैसे किसी अन्य व्यक्ति को पैसे ट्रांसफर करे।
सबसे पहले इस BHIM App को डाउनलोड करना है BHIM App को डाउनलोड करने के लिए आपको Google Play Store  पर जाना होगा और वहाँ पर सर्च बॉक्स में टाइप करना होगा BHIM App. आपको App ढूंढने में दिक्कत ना हो इसके लिए लिंक दी गयी है।  आप इस लिंक पे क्लिक कर के भी इस आप को डाउनलोड कर सकते है।  अब App इनस्टॉल होने के बाद आपको BHIM App को ओपन करना है जब  पहली बार BHIM App को ओपन करेगे तो ये आपसे पूछेगा की आपको कौन सी भाषा का उपयोग करना है ।
Step – 1 – BHIM App – सबसे पहले अपनी भाषा का चयन करे।
How to use BHIM App
Step – 2 – BHIM App – उसके  बाद Let’s Get Start  क्लिक करे
How to use BHIM App
Step – 3 – BHIM App – उसके बाद जो नंबर अपने बैंक में अपने अकाउंट पे रजिस्टर कराया है, उसे सेलेक्ट कीजिये।
How to use BHIM App
Step – 4 – BHIM App – आपका मोबाइल वेरीफाई होने के बाद ये मैसेज दिखेगा
How to use BHIM App
Step – 5 – BHIM App – अब कोई भी 4 डिजिट का पासवर्ड रख ले।
How to use BHIM App
Step – 6 – BHIM App – फिर दुबारा वही पासवर्ड कन्फर्म करे।
How to use BHIM App
Step – 7- BHIM App – अब आपको अगर पैसे ट्रांसफर करने है तो Send पे क्लिक करे
How to use BHIM App
Step – 8 – BHIM App – अब जिसको पैसे भेजने है, उसका मोबाइल नंबर डाल कर वेरीफाई करे.
How to use BHIM App
Step – 9 – BHIM App – अब अमाउंट डाले
How to use BHIM App
Step – 10 – BHIM App – अब अपना UPI पिन एंटर करे
How to use BHIM App
Step – 11 – BHIM App – बधाई हो! आपका ट्रांसफर कम्पलीट हो चूका है।
How to use BHIM App
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Bitcoin क्या है? Zebpay Promo Code से earning कैसे करें refer and earn

Bitcoin क्या है? Zebpay Promo Code से earning कैसे करें
नमस्कार दोस्तों आज जिस चीज के बारे में मैं आपको बताने जा रहा हूं वह आपके लिए बहुत ही useful हो सकता है. आज मैं आपको इस पोस्ट में BitCoin क्या है? और इससे आप कैसे earning कर सकते हैं उसके बारे में बताने जा रहा हूं. तो आपका ज्यादा समय न लेते हुए चलिए स्टार्ट करते हैं.
BitCoin क्या है?
बिटकॉइन एक डिजिटल एसेट है, आप Bitcoin को digital currency कह सकते हैं. यानि यह किसी तरीके की फिजिकल करेंसी नहीं है जैसे कि आई.एन.आर. या डॉलर है. इसका अविष्कार Satoshi Nakamoto ने 2009 में किया था. बिटकॉइन सॉफ्टवेयर बेस करेंसी है. यानी बिटकॉइन की जो ट्रेडिंग होती है वह सॉफ्टवेयर के थ्रू होती है. इसका जो भी रिकॉर्ड होता है वह सॉफ्टवेयर के अंदर होता है. यानी इसका कोई एक मालिक नहीं है. बिटकॉइन किसी की व्यक्तिगत प्रॉपर्टी नहीं है. किसी भी कंट्री या कंपनी की बिटकॉइन कोई भी खरीद सकता है और कोई भी इसको यूज कर सकता है. बिटकॉइन के थ्रू आप इंटरनेट के माध्यम से कुछ भी परचेस कर सकते हैं और कुछ भी सेल करके बिटकॉइन कमा सकते हैं. बिटकॉइन बहुत सारी कंपनियां प्रोवाइड कराती हैं. आप उनमें से किसी भी कंपनी में अपना अकाउंट खोलकर बिटकॉइन की ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं.
आप बिटकॉइन से कैसे पैसे कमा सकते हैं
दोस्तों इंडिया में बिटकॉइन की ट्रेडिंग करने के लिए अभी तक की सबसे बढ़िया जो कंपनी है वह है ZebPay
ZebPay के द्वारा आप बिटकॉइन earn कर सकते हैं और उन बिटकॉइन से आप कुछ भी खरीद सकतें है. ZebPay के थ्रू आप अपना मोबाइल रिचार्ज कर सकते हैं, डीटीएच रिचार्ज कर सकते हैं, डाटा कार्ड रिचार्ज कर सकते हैं. आने वाले दिनों में आप ZebPay से ब्रॉडबैंड के बिल पेमेंट, टेलीफोन बिल पेमेंट, इलेक्ट्रिसिटी बिल पेमेंट भी कर सकेंगे.
ZebPay के थ्रू आप Amazon, Flipkart, Book my show, Pizzas Hut और Domino’s के Voucher परचेस कर सकते हैं. इन वाउचरों पर आपको अलग-अलग प्रकार की छूट भी मिलती है. तो चलिए अब मैं आपको बताता हूं कि कैसे आप ZebPay App में अपना अकाउंट खोलेंगे और फ्री में 100 रुपए के बिटकॉइन कमाएंगे.
Zebpay Promo Code को Use करके फ्री Bitcoins कैसे प्राप्त करें?
दोस्तों ZebPay बिटकॉइन सर्विस को यूज करने के लिए आपको अपने एंड्रॉयड या iPhone में ZebPay का एप्प इनस्टॉल करना पड़ेगा. नीचे दिए गए लिंक से आप ZebPay एप्प इनस्टॉल कर सकते हैं.
एक बार आपका ऐप इंस्टॉल हो जाता है तो अब आप को उसमें आपको अपना अकाउंट खोलना होता है. आप अपना नाम, ईमेल एड्रेस, और अपना फोन नंबर डालेंगे, फोन नंबर के थ्रू वह आपका अकाउंट वेरीफाई करेगा.
अकाउंट वेरीफाई करने के बाद राइट साइड में सबसे ऊपर मीनू के बटन पर क्लिक करेंगे, उसके नीचे Free Bitcoins ऑप्शन पर Click करेंगे.
आपके सामने एक बॉक्स होगा उस बॉक्स में आप REF75576716 Code को Enter करेंगे. उसके बाद आपको Verity बटन पर क्लिक करना होगा, जैसे ही आप वेरीफाई बटन पर क्लिक करेंगे आपके ZebPay अकाउंट में 100 रुपए आ जाएंगे. दोस्तों यह 100 रूपए बहुत ज्यादा तो नहीं है लेकिन इन 100 रुपए से आप अपना मोबाइल,DTH और डाटा कार्ड रिचार्ज कर सकते हैं.
इसी तरह से अगर आप ZebPay के इस ऐप को अपने फ्रेंड्स के साथ शेयर करते हैं और वह लोग भी ZebPay ऐप इंस्टॉल कर के अपना अकाउंट खोलते हैं और इसी तरह आपके प्रोमो कोड को वह अपने अकाउंट में डालते हैं तो वह लोग भी ₹100 कमाएँगे और उनके हर ट्रांजैक्शन का 0.10% सालभर तक आपको भी मिलता रहेगा. यानी इस तरीके से आप कितना भी पैसे ZebPay ऐप के थ्रू कमा सकते हैं.
दोस्तों यह था कि बिटकॉइन क्या है? और ZebPay के थ्रू आप किस तरह से अर्निंग कर सकते हैं. अगर आपको यह पोस्ट पसंद आया हो तो प्लीज अपने फ्रेंड्स के साथ Facebook, Google plus, ट्विटर और WhatsApp में इसको जादा से जादा शेयर कीजिए जिससे की वह भी बिटकॉइन से मॉर्निंग कर सकें और अगर आपका बिटकॉइन से रिलेटेड या ZebPay से रिलेटेड कोई भी सवाल हो तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपना कमेंट जरुर लिखें, मैं जवाब देने की पूरी कोशिश करूंगा.

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एक सफल उद्योगपति की कहानी | Success Businessman Story In Hindi

एक सफल उद्योगपति की कहानी | Success Businessman Story In Hindi

 

 

दोस्तों, अपने इससे पहले एक Success Businessman Story in Hindi पढ़ी थी जो सभी को बहुत ज्यादा अच्छी लगी थी जिसका नाम था “फर्श से अर्श तक” आज यहा पर और एक Indian Successful Entrepreneurs की Story आपके लिये पब्लिश कर रहें हैं। जिस पढ़कर आप चाहे किसी भी परिस्तिथि में हो आपमे ये विश्वास भर जायेंगा की आप भी कुछ कर सकते हो। आप भी बड़ा आदमी बन सकते हो और आपके सपने हकीकत में पुरे कर सकते है। –
कुँवर सचदेव – Kunwer Sachdeva भारत की लीडिंग पॉवर सोल्यूशन कंपनी सु-काम (Su-Kam) Sukam solar inverter के संस्थापक और एम् डी है और साथ ही वे एक महान खोजकर्ता, मार्केटर, प्रेरणादायक वक्ता और उद्योजक भी है। सचदेव के सु-काम के सफलता की कहानी “मेक इन इंडिया” का सबसे अच्छा और सबसे बड़ा उदाहरण है।

एक सफल उद्योगपति की कहानी – Success Businessman Story In Hindi

सचदेव का जन्म एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था, लेकिन सचदेव ने कभी भी अपनी आर्थिक परिस्थितियों को अपनी सफलता के बीच में नही आने दिया। और सिर्फ 15 वर्ष की आयु में ही वे एक महान सफल उद्योजक बन गए। अपने व्यवसाय की शुरुवात उन्होंने अपने बड़े भाई के साथ मिलकर साइकिल पर पेन बेचते हुए की थी और बाद में उन्होंने एक सफल केबल टीवी कम्युनिकेशन व्यवसाय की स्थापना दिल्ली में की थी।
एक खोजकर्ता के रूप में उन्होंने जल्द ही भारत के पॉवर बैकअप इंडस्ट्री के विकास और उनकी जरूरतों को भाँप लिया था और 1998 में ही उन्होंने सु-काम पॉवर सिस्टम की स्थापना करने के लिए केबल टीवी के व्यवसाय को बंद करने की ठान ली।
कुछ ही सालो में कड़ी मशक्कत और महेनत करते हुए उन्होंने आज सु-काम को भारत की मुख्य कंपनियों में से एक बनाया। आज सु-काम इंडियन मल्टीनेशनल कारपोरेशन है और इसे भारत की सबसे विकसित और तेज़ी से बढ़ने वाली इंडस्ट्री में से एक माना जाता है।
यह कंपनी तेज़ी से विकसित होने वाली टॉप 500 कंपनियों की सूचि में भी शामिल है। सचदेव ने भी तक़रीबन 90 देशो तक अपनी कंपनी को पहुचाया है और इसका लक्ष्य अफ्रीका और एशिया के ज्यादातर भागो को कवर करना ही है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी से मैथमेटिकल स्टेटिस्टिक्स और लॉ की डिग्री हासिल करने के साथ ही और साथ ही बिना किसी टेक्निकल बैकग्राउंड के होने के बावजूद उन्होंने पॉवर इलेक्ट्रॉनिक्स में महारत हासिल कर रखी थी। विविध व्यवसायों को सँभालते हुए भी वे सु-काम (Su-Kam) के आर & डी डिवीज़न के हेड बने।
इंडियन पॉवर बैकअप इंडस्ट्री में टेक्नोलॉजी और डिजाईन के लिए पेटेंट फाइल करने वाले सचदेव पहले भारतीय उद्योगपति थे। विश्व के पहले प्लास्टिक बॉडी इन्वर्टर के अविष्कार का श्रेय भी उन्हें ही दिया जाता है और उनके इस अविष्कार को इंडिया टुडे ने “इनोवेशन ऑफ़ द डिकेड” का भी नाम दिया।
कुंवर ने वर्ल्ड क्लास टेक्नोलॉजीज जैसे मोस्फेट (MOSFET), माइक्रो कंट्रोलर बेस्ड और DSP साइन वेव का अविष्कार कर पॉवर बैकअप इंडस्ट्री में क्रांति ला दी थी। उन्होंने भारत को “होम यूपीएस” भी दिया जिसमे यूपीएस और इन्वर्टर दोनों के गुण थे। सु-काम (Su-Kam) के आने से पहले इन्वर्टर उद्योग पर 100 से भी ज्यादा लोगो का शासन था जो घटिया माल बेच रहे थे – लेकिन कुंवर ने पुरे इन्वर्टर उद्योग को अपने अविष्कार से चुनौती दी रखी थी।
कुंवर अपनी उपलब्धियों से कभी संतुष्ट नही थे और उनमे हमेशा कुछ नयी टेक्नोलॉजी का अविष्कार करने की भूक लगी रहती। कुंवर को कई बार लगता था की, “यदि वर्तमान में सभी इलेक्ट्रॉनिक टच स्क्रीन और वाय-फाई से जुड़े है तो होम यूपीएस क्यु नही?” इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने यूपीएस की टेक्नोलॉजी में बदलाव किये। और आज कुंवर अपना पहला टच स्क्रीन यूपीएस लांच करने के लिए तैयार है जिसमे वाय-फाई की सुविधा भी दी गयी है। एक दिन ऐसा भी होगा शायद ही किसी ने सोचा होगा।
पॉवर बैकअप इंडस्ट्री के विकास में उनके बहुत से महत्वपूर्ण योगदानो को देखते हुए उन्हें “इन्वर्टर मैन ऑफ़ इंडिया” के नाम से भी जाना जाता है।
टेक्नोवेशन के प्रति कुंवर का प्यार हमेशा बढ़ता ही गया था। ग्रीन एनर्जी का निर्माण करने में उन्हें काफी रूचि थी उनकी इच्छा थी की भारत में हर जगह पर ग्रीन एनर्जी का निर्माण होना चाहिए। एक दशक पहले सौर उर्जा के उपकरण आने वाले दशको में क्रांति लायेंगे। उनके घर से सम्बंधित सौर उपकरणों में सोलरकॉन (एक्सिस्टिंग इन्वर्टर को सोलर इन्वर्टर में बदलता है) और ब्रेनी (दुनियाँ का पहला हाइब्रिड सोलर होम यूपीएस) शामिल है।
उन्होंने बहुत से छोटे हाउस रिमोट से लेकर बड़ी इंडस्ट्री के लिए भी सोलर उपकरणों की खोज की है। यूनिक सोलर DC सिस्टम के निर्माण में भी उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। कुंवर के कठिन परिश्रम के बाद ही सु-काम (Su-kam) सर्वाधिक मार्किट शेयर पाने में सफल रही। फ़िलहाल सु-काम का लक्ष्य भारत के हर एक घर को सोलर एनर्जी से जोड़ना है।
उनका मंत्र यही है,
बेहतरीन विक्रेता –
सु-काम की स्थापना के पहले वर्षो में ही कुंवर ने मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग के महत्त्व को जान लिया था और इसी वजह से सु-काम अखबार में विज्ञापन देने वाली पहली इन्वर्टर कंपनी बनी। कुंवर के पॉवर सोल्यूशन सेक्टर में आने से पहले किसी भी कंपनी का विशिष्ट प्रोडक्ट मैन्युअल या कैटेलॉग नही था लेकिन कुंवर ने इसे बदलकर सु-काम के सभी प्रोडक्ट का एक बेहतरीन और आकर्षित मैन्युअल प्रोडक्ट बनाया था।
कुंवर ने अपमी कंपनी सु-काम के लिए बेहतरीन मार्केटिंग स्ट्रेटेजी बना रखी थी और इससे पहले किसी कंपनी ने मार्केटिंग स्ट्रेटेजी नही बनायी थी लेकिन इसके बाद 90 के दशक में सभी ने उनके रास्तो पर चलते हुए मार्केटिंग स्ट्रेटेजी बनाना शुरू किया। और इसके बाद सु-काम प्रसिद्ध ढाबो के बोर्ड स्वयं बनाकर उन्हें गिफ्ट करती थी और उनपर अपने उपकरणों का विज्ञापन भी देती थी।
इसके पीछे एक कहानी भी है जिसके अनुसार एक बार कुंवर कश्मीर में दाल सरोवर देखने गए थे और वहा उन्होंने बहुत सी खुबसूरत “सीकर नाव” भी देखि और अगले ही दिन वे सभी नाव सु-काम में परिवर्तित हो गयी।
कुंवर उन महान उद्योजको में से एक है जिन्होंने इंटरनल ब्रांडिंग के महत्त्व को समझा। कुंवर ने सु-काम कल्चर को इस तरह से सजाया था की उनका पूरा स्टाफ सभी त्यौहार (इसमें सु-काम का खेल सप्ताह भी शामिल है) ख़ुशी से मनाते थे, उनका स्टाफ किसी बड़े परिवार से कम नही था।
एतव और अभिनेता रवि किशन के साथ मिलकर कुंवर ने अपना पहला रियलिटी टीवी शो इंडिया ग्रेटेस्ट सेल्समेन – सेल का बाज़ीगर भी लांच किया। इससे पहले विक्रेता लोगो को प्रेरित करने के लिए किसी ने भी इस तरह के शो को नही देखा था। इस शो को बहुत लोगो ने पसंद किया और हजारो और लाखो लोगो ने इसमें भाग लिया। और इसके विजेता आज सु-काम में काम करते है।
भारतीय ब्रांड को वैश्विक बनाना
कुंवर सचदेव का हमेशा से ही यह मानना था की यदि आप सपने देख सकते हो तो तो आप उन्हें पूरा भी कर सकते हो। और उनकी इसी सोच ने सु-काम को भारत की सबसे बड़ी पॉवर बैकअप सोल्यूशन कंपनी बनाया। वे अपने इस भारतीय ब्रांड को वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध करने चाहते थे और ऐसा करने में वे सफल भी हुए। अपने ब्रांड को वैश्विक स्तर पर फ़ैलाने के लिए उन्होंने कई विदेश यात्राये भी की थी।
कुंवर के मार्गदर्शन में ही सु-काम तक़रीबन 90 देशो में स्थापित हो सकी। सु-काम अब इंटरनेशनल ब्रांड बन चूका था और इसके साथ ही अफ्रीका और नेपाल जैसे देशो में सु-काम को कई अवार्ड भी मिले। अफ्रीका में लोग चीनी और अमेरिकन कंपनियों की तुलना में इस “मेड इन इंडिया” ब्रांड पर ज्यादा भरोसा करते है।
अवार्ड और नामनिर्देशन
उद्योगपति, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के चलते उन्हें बहुत से पुरस्कार मिले है। जिसमे मुख्य रूप से भारत सरकार द्वारा दिया गया “भारत शिरोमणि” और एर्न्स्ट एंड यंग का “साल के सर्वश्रेष्ट उद्योगपति” अवार्ड शामिल है।
आज कुंवर सचदेव की जीवनी को देखते हुए हम निश्चित तौर पे यह कह सकते है की किसी भी व्यक्ति को सफल होने के लिए डिग्री की जरुरत नही होती, बस आपका टैलेंट ही आपको सफल आदमी बनाता है। क्या आप जानते है कि बिल गेट्स् और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकेरबेर्ग कॉलेज से निकाले गए (Dropout) हैं, फिर भी वे सफल हैं। क्योंकि दोस्तों,
“रात नही ख्वाब बदलता है,
मंजिल नही कारवां बदलता है,
जज्बा रखे हरदम जीतने का क्योंकि
किस्मत चाहे बदले या न बदले
लेकिन वक्त जरुर बदलता है।”
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