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गुरुवार, 20 फ़रवरी 2025

उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 206

अतिक्रमण आदि के लिए शास्ति (1) कोई व्यक्ति जो

(क) गांव की किसी सार्वजनिक सड़क (चकरोड सहित ), पथ या सामान्य भूमि का अतिक्रमण करता

है या उसके उपयोग में बाधा डालता है, या

(ख) उप जिलाधिकारी द्वारा धारा 23 की उपधारा (1) के अधीन किए गए किसी आदेश या निदेश का पालन करने में विफल रहता है, या

(ग) तहसीलदार द्वारा धारा 25 या धारा 26 के अधीन किए गए किसी आदेश या निदेश का पालन करने में विफल रहता है, या

(घ) धारा 42 या धारा 48 के अधीन किए गए किसी आदेश का पालन करने में विफल रहता है: जुर्गाना का दायी होगा जो खण्ड (क) में निर्दिष्ट किसी गागले में एक हजार रुपये से कम नहीं होगा और दस हजार रूपये से अधिक नहीं होगा और किसी अन्य गागले में पाँच सौ रुपये से कम नहीं होगा और पाँच हजार रुपये से अधिक नहीं होगा।

(2) उपधारा (1) में निर्दिष्ट प्रत्येक व्यक्ति से यथा स्थिति उप जिलाधिकारी या तहसीलदार द्वारा अपेक्षा की जा सकती है कि वह पन्द्रह हजार रुपये से अनधिक ऐसी धनराशि, जिसे संबंधित अधिकारी ऐसे कार्य या विफलता की पुनरावृत्ति से प्रविरत रहने के लिये ठीक समझे का बन्धपत्र निष्पादित करें।


सोमवार, 23 मई 2022

उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 228

सीमा चिन्हों के नाश आदि के लिए नुकसानी- 
(1) यदि कोई व्यक्ति अध्याय चार के अधीन या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन विधिपूर्वक परिनिर्मित किसी सीमा चिन्ह को जान बूझकर नष्ट करता है या क्षति पहुँचाता है या विधिपूर्ण प्राधिकार के बिना हटाता है तो उसे तहसीलदार द्वारा इस प्रकार नष्ट किये गये, क्षति पहुँचाये गये या हटाये गये प्रत्येक सीमा चिन्ह के लिये एक हजार रुपये से अनधिक की ऐसी धनराशि जो तहसीलदार की राय में इसे पुनःस्थापित करने के व्यय को पूरा करने और इतला करने वाले को पुरस्कार देंगे, यदि कोई हो, के लिए आवश्यक हो, का भुगतान करने का आदेश दिया जा सकता है।

(2) उपधारा (1) के अधीन नुकशानी की दूराली, भारतीय दण्ड संहिता के अधीन ऐरो नाश क्षति या हटाने के संबंध में किये गये किसी अपराध के लिये अभियोजन से विवर्जित नहीं करेगी।

उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 227

सीमा चिन्हों के नाश आदि के लिए नुकसानी- (1) यदि कोई व्यक्ति अध्याय चार के अधीन या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन विधिपूर्वक परिनिर्मित किसी सीमा चिन्ह को जान बूझकर नष्ट करता है या क्षति पहुँचाता है या विधिपूर्ण प्राधिकार के बिना हटाता है तो उसे तहसीलदार द्वारा इस प्रकार नष्ट किये गये, क्षति पहुँचाये गये या हटाये गये प्रत्येक सीमा चिन्ह के लिये एक हजार रुपये से अनधिक की ऐसी धनराशि जो तहसीलदार की राय में इसे पुनःस्थापित करने के व्यय को पूरा करने और इतला करने वाले को पुरस्कार देंगे, यदि कोई हो, के लिए आवश्यक हो, का भुगतान करने का आदेश दिया जा सकता है।

(2) उपधारा (1) के अधीन नुकशानी की दूराली, भारतीय दण्ड संहिता के अधीन ऐरो नाश क्षति या हटाने के संबंध में किये गये किसी अपराध के लिये अभियोजन से विवर्जित नहीं करेगी।

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उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 206

अतिक्रमण आदि के लिए शास्ति (1) कोई व्यक्ति जो (क) गांव की किसी सार्वजनिक सड़क (चकरोड सहित ), पथ या सामान्य भूमि का अतिक्रमण करता है या उसके ...