रविवार, 28 नवंबर 2021

उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 103

उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 103 इस संहिता के उल्लंघन में पट्टे का प्रभाव - जहां धारा 94 धारा 95 धारा 96 या धारा 99 के उल्लंघन में किसी भूमिधर ने अपनी किसी जोत या उसके किसी भाग को पट्टे पर दे दिया हो वहां किसी विधि या संविदा या पट्टा विलेख में दी गयी किसी बात के होते हुए भी, (क) जहां अपने परिवार द्वारा धृत भूमि के साथ पट्टेदार द्वारा धृत भूमि जिसमें कि उसको और उसके परिवार के किसी सदस्य को पट्टे पर दी गयी भूमि सम्मिलित है, का कुल क्षेत्रफल उत्तर प्रदेश में 5. 0586 हेक्टेयर से अधिक न हो तो वहां पट्टेदार उस पर असंक्रमणीय अधिकारों सहित भूमिधर हो जाएगा और समझा जायेगा और (ख) जहां कुल क्षेत्रफल, जैसा ऊपर वर्णित है, 5.0586 हेक्टेयर से अधिक है, वहां पट्टेदार उसका क्रेता हो जाएगा और समझा जायेगा और उस पर धारा 89 के उपबन्ध लागू होंगे।

सोमवार, 25 मार्च 2019

उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 54

उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 54

उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 53

उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 53

उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 52

उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 52

उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 51

सोमवार, 6 अगस्त 2018

उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2016 धारा 50

अधिकार अभिलेख को अन्तिम रूप देना- धारा 49 के अनुसार मानचित्र या अभिलेख का पुनरीक्षण करने के पश्चात् सहायक अभिलेख अधिकारी अपने दिनांक युक्त हस्ताक्षर से अधिकार अभिलेख (खतौनी) की पुष्टि करेगा या उसमें संशोधन करेगा।।

उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2016 धारा 49

मानचित्र और अभिल ेख क े पुनरीक्षण की प्रक्रिया- (1) धारा 46 और 47 क े अधीन मानचित्र और अभिलेख का पुनरीक्षण करन े के लिय े अभिलेख अधिकारी उपधारा (2) स े (8) क े उपबन्धा ें के अधीन रहते हुए विहित प्रक्रिया के अनुसार सर्वेक्षण, मानचित्र में स ुधार, खेतवार पड़ताल और चालू अधिकार अभिलेख (खतौनी) का परीक्षण और सत्यापन करायेगा। (2) चालू अधिकार अभिलेख का परीक्षण और सत्यापन हो जाने क े पश्चात् नायब तहसीलदार ऐस े अभिल ेख में लेखन सम्बन्धी भूलों और गलतिया ें को, यदि कोई हो, शुद्ध करेगा और स ंबद्ध खातेदारो ं और अन्य हितबद्ध व्यक्तियों को नोटिस जारी कराय ेगा जिसमे ं चालू अधिकार अभिलेख और ऐस े अन्य अभिलेख स े, जो विहित किया जाए, स ुस ंगत उद्धरण दिए जायेंगे, जिसम ें भूमि के सम्बन्ध में उनक े अधिकार और दायित्व और उपधारा (1) म ें उल्लिखित क्रियाओं क े दौरान उनमें पायी गयी भ ूला ें और विवादों का उल्ल ेख किया जाय ेगा। (3) कोई व्यक्ति जिस े उपधारा (2) क े अधीन ना ेटिस जारी की गयी हो, नोटिस की प्राप्ति क े दिनांक स े इक्कीस दिन क े भीतर नायब तहसीलदार के समक्ष उसके सम्बन्ध में आपत्तियां प्रस्तुत कर सकता है, जिसम ें ऐस े अभिलेख या उद्धरण की प्रविष्टियों की शुद्धता या उसके प्रकार पर विवाद प्रकट किया गया हो। (4) भूमि म ें हितबद्ध कोई व्यक्ति उपधारा (5) के अनुसार विवाद क े तय किय े जान े के पूर्व किसी समय नायब तहसीदार के समक्ष या उपधारा (6) के अनुसार आपत्तियों का विनिश्चय किए जाने के पूर्व किसी समय सहायक अभिलेख अधिकारी के समक्ष आपत्ति प्रस्तुत कर सकता है। (5) नायब तहसीलदार - (क) जहा ं उपधारा (3) और उपधारा (4) के अनुसार आपत्तियां प्रस्तुत की जायं, वहाँ सम्बद्ध पक्षकारा ें को स ुनवाई करने के पश्चात; और (ख) किसी अन्य स्थिति म ें, ऐसी जाँच करन े के पश्चात, जिस े वह आवश्यक समझ े; भ ूल का स ुधार कर ेगा और अपने समक्ष उपस्थित हा ेन े वाले पक्षकारों के बीच समझौता द्वारा विवाद का निपटारा कर ेगा और ऐस े समझौत े क े आधार पर आदेश देगा। (6) ऐस े समस्त मामलों का अभिलेख, जिनका निस्तारण, नायब तहसीलदार द्वारा उपधारा (5) की अपेक्षानुसार, समझौता द्वारा नहीं किया जा सकता, सहायक अभिलेख अधिकारी को भ ेज दिया जाएगा जो उनका निस्तारण धारा 24 में निर्धारित प्रक्रिया क े अनुसार करेगा, और जहाँ विवाद में हक का प्रश्न अन्तर्गस्त हो वहाँ वह उसका विनिश्चय सरसरी तौर पर जाँच करन े के पश्चात करेगा। (7) जहा ँ उपधारा (6) के अधीन सरसरी तौर पर जाँच करने क े पश्चात सहायक अभिलेख अधिकारी का समाधान हा े जाए कि विवादग्रस्त भूमि राज्य सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकारी की है, वहाँ ऐसी भ ूमि पर अप्राधिकृत अध्यासन रखने वाले व्यक्ति का े बेदखल करायेगा और इस प्रयोजन के लिये ऐस े बल का प्रयोग कर सकता है या करा सकता है जो आवश्यक हो। (8) उपधारा (6) या उपधारा (7) के अधीन सहायक अभिलेख अधिकारी द्वारा दिये गये किसी आद ेश स े व्यथित कोई व्यक्ति ऐस े आदेश के दिन ंाक स े तीस दिन क े भीतर, विहित रीति स े अभिलेख अधिकारी का े अपील कर सकता है, और अभिलेख अधिकारी का ए ेसी अपील पर प्रत्येक आदेश, धारा-210 के उपबन्धो के अधीन रहते हुए अंतिम होगा।

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उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 206

अतिक्रमण आदि के लिए शास्ति (1) कोई व्यक्ति जो (क) गांव की किसी सार्वजनिक सड़क (चकरोड सहित ), पथ या सामान्य भूमि का अतिक्रमण करता है या उसके ...